Sunday, February 23, 2025
Tags मृत्‍यु और ध्यान

Tag: मृत्‍यु और ध्यान

मृत्‍यु और ध्यान

आदमी जितनी सुरक्षा में जीएगा, उतना मूर्च्छित जीएगा। क्योंकि सुरक्षा में सब परिचित है। जो आदमी जितनी असुरक्षा में, इनसिक्योरिटी में जीएगा, उतना जागा हुआ...