Tag: आत्मा
प्रेम
"प्रेम का दुख हार्दिक है। कांटा हृदय में चुभता है, भूख हृदय में अनुभव होती है। उदासी, विषाद हृदय के केन्द्र में उमग्रता है।...
अटल सत्य – एक की मृत्यु दूसरे का जन्म
प्रकृति और पुरुष दो नहीं हैं। आत्मा और परमात्मा दो नहीं हैं। दृश्य और दृश्या दो नहीं हैं। भक्ति की यह आधारशिला है कि...
स्त्री का अस्तित्व
पूरब की स्त्री गुलाम है।
उसने कभी यह घोषणा ही नहीं की कि मेरे पास भी आत्मा है। वह चुपचाप पुरूष के पीछे चल पड़ती...
संन्यास
संन्यास का अर्थ है: इस जगत में पदार्थ की तरह नहीं, आत्मा की तरह जीना। संन्यास का अर्थ है: दृश्य में ही उलझे न...
श्रेष्ठ आत्माओं के जन्म का रहस्य
श्रेष्ठ आत्माएं कब जन्म लेती है?
अक्सर ऐसा होता है कि एक श्रृंखला होती है अच्छे की भी और बुरे की भी। उसी समय यूनान...
धर्म का अर्थ
सिकंदर भारत आया। एक फकीर से मिला। फकीर नग्न था। सिकंदर ने कहा, तुम्हारे पास कुछ भी नहीं!
फकीर ने कहा, यह सारा जगत मेरा...
रामकृष्ण का अनूठा प्रयोग
रामकृष्ण ने एक अनूठा प्रयोग इस सदी के प्रारंभ में किया–पिछली सदी के अंत में; कि पहुंचने के बाद उन्होंने दूसरे मार्गो पर भी...
अष्टावक्र महागीता – शंकारहित निःशंको!
मैं एक पड़ोस में बहुत दिनों तक रहा। एक घर में कोई मर गया तो मैं गया। वहा मैंने देखा कि एक दूसरे पड़ोसी...