Tag: धर्म
ओशो – परिस्थितियां ही अनुभव कराती है अच्छा या बुरा
एक घटना मुझे स्मरण आती हैं, कोरिया में एक भिक्षुणी स्त्री एक संन्यासीनी, एक रात एक गांव में भटकती हुई पहूंची । रास्ता भटक...
धर्म और अधर्म
जहा तुम शक्ति की खोज करते हो, जान लेना कि वह धर्म की दिशा नहीं है, अधर्म की दिशा है। तुम्हारे चमत्कारी, तुम्हारे रिद्धि-सिद्धि...
ज्ञान की उपलब्घि
मैंने सुना है कि एक आदमी ज्ञान को उपलब्ध हो गया। खलबली मच गई शैतान के शिष्यों में। क्योंकि जब भी कोई ज्ञान को...
बुद्ध का धर्म
बुद्ध ने एक धर्म दिया, जो परमात्मा से मुक्त है। बुद्ध ने एक मोक्ष दिया, जिसमें परमात्मा की कोई आवश्यकता नहीं। इतनी ऊंचाई पर...
धर्म और राजनीति
राजनीति का अर्थ होता है: दूसरों को कैसे जीत लूं? धर्म का अर्थ होता है: स्वयं को कैसे जीत लूं? इसलिये धर्म और राजनीति...
धर्म का अर्थ
सिकंदर भारत आया। एक फकीर से मिला। फकीर नग्न था। सिकंदर ने कहा, तुम्हारे पास कुछ भी नहीं!
फकीर ने कहा, यह सारा जगत मेरा...
रामकृष्ण का अनूठा प्रयोग
रामकृष्ण ने एक अनूठा प्रयोग इस सदी के प्रारंभ में किया–पिछली सदी के अंत में; कि पहुंचने के बाद उन्होंने दूसरे मार्गो पर भी...
विश्वास और विवेक
बुद्ध एक गांव में गए थे। एक अंधे आदमी को कुछ लोग उनके पास लाए और उन मित्रों ने कहा कि यह आदमी अंधा...