Tag: प्रार्थना
प्रेम पाप नही है!
प्रेम यदि पाप है तो फिर संसार में पुण्य कुछ होगा ही नहीं। प्रेम पाप है तो पुण्य असंभव है। क्योंकि पुण्य...
प्रभु और शैतान
एक मुसलमान मौलवी मरने के करीब था। गांव में कोई और पढ़ा—लिखा आदमी नहीं था, तो मुल्ला नसरुद्दीन को ही बुला लिया कि वह...
एकांत
चौबीस घंटे में थोड़ा समय निकालो!
शुरु-शुरु में उदासी लगेगी, लगने देना - पुराना अभ्यास है! शुरु-शुरु में परेशानी लगेगी, लगने देना। लेकिन एक घड़ी...
परमात्मा का आश्रय
तुम परमात्मा का आश्रय किसलिए खोजते हो, कभी तुमने खयाल किया? कभी विश्लेषण किया?
परमात्मा का भी आसरा तुम किन्हीं वासनाओं के लिए खोजते हो।...
प्रेम और मौत
मैं तुम से कहता हूं : प्रेम ही समझदारी है, क्योंकि प्रेम ऐसी सम्पदा कमाता है जिसको मौत छीन नहीं पाती। प्रार्थना में तुम...
विकास, क्रांति और उत्कान्ति
विकास का अर्थ होता है, जो अपने से हो रहा है। क्रांति का अर्थ होता है, जो करनी पड़ती है। जोर - जबर्दस्ती, हिंसा।...
रामकृष्ण का अनूठा प्रयोग
रामकृष्ण ने एक अनूठा प्रयोग इस सदी के प्रारंभ में किया–पिछली सदी के अंत में; कि पहुंचने के बाद उन्होंने दूसरे मार्गो पर भी...