Tag: प्रेम
चालाकी भरी धार्मिकता
मैंने सुना है, एक यहूदी कथा है वह मैं तुमसे कहूं। मैंने सुना है, एक बड़ी धार्मिक बिल्ली थी। बिल्ली थी और बिल्ली आमतौर...
प्रेम और घृणा
जहाँ प्रेम है -- साधारण प्रेम -- वहाँ छिपी हुई घृणा भी होती है! उस प्रेम का दूसरा पहलू है, घृणा।
जहाँ आदर है --...
असिमित प्रेम
“तुम जितने लोगो से प्यार करना चाहते हो आप कर सकते हो – इसका मतलब यह नहीं है की एक दिन आप दिवालिया हो...
स्त्री का अस्तित्व
पूरब की स्त्री गुलाम है।
उसने कभी यह घोषणा ही नहीं की कि मेरे पास भी आत्मा है। वह चुपचाप पुरूष के पीछे चल पड़ती...
डर, प्रेम, ख़ुशी
उस तरह मत चलिये जिस तरह डर आपको चलाये ।
उस तरह चलिये जिस तरह प्रेम आपको चलाये ।
उस तरह चलिये जिस तरह ख़ुशी आपको...
रामकृष्ण का अनूठा प्रयोग
रामकृष्ण ने एक अनूठा प्रयोग इस सदी के प्रारंभ में किया–पिछली सदी के अंत में; कि पहुंचने के बाद उन्होंने दूसरे मार्गो पर भी...
मैं कौन हूं?
एक रात्रि की बात है। पूर्णिमा थी, मैं नदी तट पर था, अकेला आकाश को देखता था। दूर—दूर तक सन्नाटा था। फिर किसी के...
द्रौपदी या सीता
कौन हो भारतीय स्त्री का आदर्श
एक छोटे से मजाक से महाभारत पैदा हुआ। एक छोटे से व्यंग से, द्रौपदी के कारण जो दुर्योधन के...
नर्क और स्वर्ग?
नर्क और स्वर्ग चित्त की अवस्थाएं हैं।
अगर तुमने प्रेम किया तो तुम स्वर्ग में हो, अगर तुमने घृणा की तो तुम नर्क में हो।...
मित्रता
"इस संसार में मित्रता शुद्धतम् प्रेम है, मित्रता प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहां कुछ भी मांगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहां...