Saturday, January 4, 2025
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मृत्‍यु और ध्यान

आदमी जितनी सुरक्षा में जीएगा, उतना मूर्च्छित जीएगा। क्योंकि सुरक्षा में सब परिचित है। जो आदमी जितनी असुरक्षा में, इनसिक्योरिटी में जीएगा, उतना जागा हुआ...