Tag: परमात्मा
सत्य को पाना है तो स्वयं को छोड़ दो
एक राजा था। उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु ने कहा, "जो कुछ तुम्हारे पास...
क्या हर चीज़ के लिए परमात्मा जिम्मेदार है?
साधारण आदमी-जब उसके जीवन में दुख आता है, तब शिकायत करता है। सुख आता है तब धन्यवाद नहीं देता। जब दुख आता है, तब वह...
सूफी फकीर और सम्राट की अदभुत कहानी
एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी । सुबह का वक़्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। सहयोग की...
प्रेम
"प्रेम का दुख हार्दिक है। कांटा हृदय में चुभता है, भूख हृदय में अनुभव होती है। उदासी, विषाद हृदय के केन्द्र में उमग्रता है।...
आदमी का मन बड़ा बेईमान है।
मुल्ला नसरुद्दीन मस्जिद जाता है। मस्जिद के मौलवी को उसने कहा कि सुबह आने की बड़ी मुश्किल होती है, तय ही नहीं कर पाता,...
विरह का अर्थ
विरह का अर्थ क्या है?
विरह का अर्थ है: भीतर मै शून्य हूं। जहाँ परमात्मा होना चाहिए था वहां कोई भी नहीं है, सिंहासन...
स्वर्ग से नरक की यात्रा
एक छोटी सी कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। बहुत वर्ष बीते, बहुत सदियां । किसी देश में एक बडा चित्रकार था। वह...
परमात्मा से प्रेम
रामानुज एक गांव से गुजर रहे थे। एक आदमी ने आकर कहा कि मुझे परमात्मा को पाना है। तो उन्होंने कहा कि तूने कभी...
शब्द और अर्थ
मुल्ला नसरुद्दीन एक ट्रेन में सफर कर रहा था। एक बड़े प्रसिद्ध कवि भी साथ में सफर कर रहे थे। कवि थे तो ट्रेन...
पूर्ण समर्पण
यह कोई छोटा जुआ नहीं है। यहां जो लगायेगा पूरा, वही पा सकेगा। इंच भर भी बचाया तो चूक सकते हैं। क्योंकि ऐसा नहीं...