Tag: मित्र
बिना मित्र के शत्रु सम्भव नहीं
प्रेम अपने ढ़ंग से हिंसा करता है। प्रेम पूर्ण ढंग से हिंसा करता है। पत्नी, पति को प्रेम पूर्ण ढ़ंग से सताती है। पति,...
सपना मुल्ला नसरुद्दीन का
मैंने सुना, मुल्ला नसरुद्दीन अपने मित्र से बातें कर रहा था। मुल्ला ने कहा: रात बड़े गजब का सपना देखा। सपना देखा कि पेरिस...